एक बार भारत फिर चीन को पछाड़ कर दुनिया की सबसे तेज वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था बनने जा रही है| जहां केन्द्र सरकार ने जनवरी-मार्च तिमाही के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 6.9 से 7.7 फीसदी रखा है वहीं चीन को इस तिमाही में 6.8 फीसदी की ग्रोथ दर्ज हुई है| गुरुवार को भारत सरकार जनवरी-मार्च तिमाही के आंकड़े जारी करने जा रही है|
आर्थिक जानकारों का मानना है कि केन्द्र सरकार को पिछली तिमाही के दौरान मिले उत्पादन और खपत के आंकड़ों को अप्रैल 2019 में 4.58 फीसदी की महंगाई दर के साथ देखें तो साफ है कि अगले हफ्ते केन्द्रीय रिजर्व बैंक पर रेपो रेट में इजाफा करने का दबाव बढ़ जाएगा| हालांकि कुछ जानकारों का यह भी दावा है कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में हो रहे इजाफे से सरकारी खर्च पर पड़ने वाले दबाव से एक बार फिर केन्द्र सरकार ब्याज दरों में इजाफे को टाल सकती है|
एक पोल के जरिए भी दावा किया गया है कि जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.3 फीसदी रहेगी. गौरतलब है कि ग्रोथ का यह स्तर जुलाई-सितंबर 2016 तिमाही के बाद उच्चतम स्तर है जब अगली तिमाही के दौरान केन्द्र सरकार ने देश में नोटबंदी का ऐलान किया था|
वहीं इस हफ्ते के शुरुआत में केन्द्र सरकार के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चन्द्र गर्ग ने दावा किया था कि जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में जीडीपी ग्रोथ 7.3 से 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है|
इस उम्मीद से इतर ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने बुधवार को कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का हवाला देते हुए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाने का फैसला लिया था| हालांकि मूडीज ने भी इस साल साल वृद्धिर दर के 7.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है| इससे पहले उसने जीडीपी के 7.5 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया था|
